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अगर आपकी गाड़ी से किसी की मौत हो जाये तो सबसे पहले ये करे

ब्लॉग लिखने से पहले आपको बताना चाहूंगा कि  मुझे लगता है मैं जो सीखना चाहता हूँ, यह कोर्स मेरी पूरी मदद करेगा।  फ्री डीमैट अकाउंट खोलें और अपने दोस्तों को रेफेर करें 500 रुपये प्रति अकाउंट से कमायें  इस बुरे समय में पैसे कमाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका

किचिन बनवाने के लिए कौन सी प्लाईबुड सर्वश्रेष्ठ होगी

प्लाईवुड एक ऐसा नाम है जो हर घर में काम आता है। फिर चाहे आप अपने घर का बेड बनवाएं या फिर स्टूल , या फिर किचिन या कही कोई और आइटम।  लेकिन सबसे बड़ी समस्या होती है कि कौन सी प्लाईवुड को खरीदा जाए। क्यूंकि बाजार में बहुत सारे ब्रांड्स उपलब्ध हैं।  और जब आप दूकानदार के पास जाते हैं तो फिर वो आपको एक ब्रांड की प्लाई दिखाएगा और फिर एक नॉन ब्रांडेड।  और अंतता वह आपको नॉन ब्रांडेड प्लाई खरीदने की सलाह देता है।  आखिर क्या है इस सबके पीछे खेल और आखिरकार कौन सी प्लाई खरीदी जाये और कहाँ से खरीदना बेहतर होगा।  प्लाईवुड और प्लाइबोर्ड (ब्लॉकबोर्ड) में क्या अंतर होता है  बहुत कम लोगों को ये बात पता होती है कि प्लाईवुड और प्लाइबोर्ड(ब्लॉकबोर्ड) दो अलग अलग चीजें होती हैं।  प्लाईवुड :  यह लकड़ी की पतली पतली परत (जिसे विनीर कहते है) को अधिक तापमान पर ग्लू से चिपकाकर बनाया जाता है।  इसका साइज 8x4 फुट (सर्वाधिक उपयोग होने वाला) होता है।  और यह 3 मिमी से लेकर 24 मिमी तक मोटाई में उपलब्ध होता है।  इसका उपयोग घर के फर्नीचर बनाने में किया जाता है।  इसपर आप लेमिनेशन , पेण्ट सब आसानी से कर सकते हैं।  इसमें वा

माँ सरस्वती की पूजा के दिन बच्चे को पढना चाहिए या नहीं

हिन्दू धर्म के अंदर संस्कार सर्वोपरि हैं।  और इसकी शुरुआत बचपन में ही हमारे घरों से हो जाती है।  जब घर में कोई भी बच्चा जन्म लेता है और कुछ दिनों बाद, जब वह लोगों को पहचानने की कोशिश करने लगता है। तभी घर के बुजुर्ग और अन्य सदस्य उसे 'नमस्ते ' करने को और 'राधे-राधे' बोलना सीखाना शुरू कर देते हैं।  और सही मायने में उस नवजात बच्चे का धर्म के प्रति रुझान शुरू हो जाता है।  फिर जैसे - जैसे वह बड़ा होता जाता है उसे अपने बुजुर्गों द्वारा पढ़ाया गया आदर और सम्मान का भाव याद आने लगता है।उसको बताया जाता है कि इन अंकल से नमस्ते करनी और पिता जी के पैर छूने हैं। अगली और मुख्य सीढ़ी विद्यालय होता है।  हालाँकि आज के समय के विद्यालयों में सरस्वती पूजा होना तो बहुत ही दूर की बात है।  उन्हें माँ सरस्वती के बारे में बताया भी नहीं जाता।  आजकल का समय विद्यालयों में सिर्फ किताबी कीड़ा बनाने और पाश्चात्य सभ्यता को सीखने पर जोर दिया जाता है। बच्चों के दिमाग में संस्कार, आदर और सम्मान का अलग ही मतलब फिट किया जाता है।   आखिर माँ सरस्वती कौन हैं ? भारतीय परंपरा अर्थात हिन्दू धर्म में ज्ञान, विद्या

बिज़नेस और जॉब दोनों में से कौन बेहतर है

अक्सर जब हम ख़यालाती दुनिया में होते हैं या फिर हम कोई नयी मूवी देख रहे होते हैं, तो हमारे दिमाग में उस समय बहुत सारी चीजें आती हैं जिनका सम्बंद हम सीधे सीधे अपने करियर से जोड़कर देखने लगते हैं।  अब मान लीजियेगा आपने दो मूवी देखीं। उनमें से एक का करैक्टर एक "पुलिस मैन" था और दूसरे का एक 'बिजनेसमैन' तो आधे समय तो हमें लगता है कि हमें एक पोलिस वाला होना चाहिए और फिर आधे समय हमें लगता है कि हमें एक बिजनेसमैन होना चाहिए।  काफी बार हम वास्तव जिंदगी में भी लोगो के ऐशोआराम को देखकर भी ऐसा ही सोचने लगते हैं।  तो आज हम पूरे खुले विचारों से इसपर पूरी चर्चा करेंगे। जिससे आपको समझ आएगा कि वास्तव में आपको किस दिशा में जाना चाहिए और किस तरह आपकी आपके मंजिल तक पहुंचने में मदद होगी, सब आपको आज इसमें पढ़ने को मिलेगा।  अपने आप को पहचानें : आप क्या करना चाहते हैं ये आप डिसाइड नहीं करते हैं , ये आपका समाज आपको वह काम करने के लिए मज़बूर करता है और आप वैसे ही बनते चले जाते हैं।  और अगर आप खुद को पहचानने में लग गये, तो विश्व की सम्पूर्ण शक्तियों को समझने की शक्ति अपने आप खुद में विकसित हो ज